Tearful tribute to Reema Lagoo! 


क्या खोया बॉलीवुड ने रीमा लागू के जाने के बाद? एक चटख, असली, सुन्दर और बेहद संजीदा महिला जिसने अपने हर किरदार को बखूबी निभाया सिने परदे पर. वो बेहद नामचीन मराठी कलाकारों के भड़भड़े परिवार से थीं.उम्दा अभिनय उनकी रग रग में था.
कई बार जो फिल्में बड़े बड़े कलाकारों के नाम से बिकती हैं उनकी सफलता के हक़दार ये सह कलाकार होते हैं जिनको अवार्ड्स खरीदने नहीं आते.

इनका शोषण इस क़दर होता है की शब्दों में लिखने लायक तक नहीं होता. ये सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं, इंतज़ार में घंटो बैठे रहते हैं और कम पैसे पाते हैं. 
जब कोई सह कलाकार मरता है तो उसके साथ मरती है किसी आने वाली बड़ी फिल्म की सफलता का एक हिस्सा. शायद रीमा लागू भी किसी बड़ी फिल्म हिस्सा बनने वाली होएंगी, किसी सीरियल

में दोबारा कला की बारीकियां बखेरने वाली होएंगी किन्तु प्रभु इच्छा ने उन्हें मृत्यु द्वार के पार पहुंचा दिया. 
तू तू मैं मैं की वो प्यारी सी विकट सास हो या फिर मैंने प्यार किआ की वो असली जवान दिखने वाली माँ जिसने बॉलीवुड का बेवकूफी भरा ट्रेंड बदल दिआ की पचास साल के जितेंद्र कॉलेज स्टूडेंट का अभिनय करते थे और ७० साल की अभिनेत्री माँ का किरदार निभाती थी. 
रीमा लागू ने एक बेहद खूबसूरत स्टाइलिश माँ का किरदार निभा के बॉलीवुड स्क्रीन पे नया इतिहास रच डाला था. वो एक ऐसे गाने की पहली हेरोइन बनी जिसमे उनके समधी बने आलोकनाथ उनकी सुंदरता के कशीदे काढ़ते नजर आए.हम आपके हैं कौन फिल्म का वो गाना कौन भूल सकता है भला? 
वो जहाँ भी होएंगी आज, उनको हमारा सादर प्रणाम और भावभीनी श्रद्धांजलि🙏🏼

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