परेशान तो बहुत होंगे बीजेपी के आका इस वक़्त. जहाँ दो भाजपा के गढ़ में उनके सुस्त उमीदवार से दो सीटों को छीनकर लाये समाजवादी अखिलेश यादव विजयी जश्न मना रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस कार्येकर्ता अधिवेशन में खुलेआम गुर्राते गरजते राहुल गाँधी को देख पकोड़े बेचने की बात सुनकर व्यथित भारतीय युवा अपने दिल की भड़ास सोशल मीडिया पर जमके निकाल रहा है.
राहुल गाँधी और अखिलेश यादव दोनों ही विदेश में पड़े लिखे हैं. राहुल गाँधी लंदन के जाने माने मॉनिटर ग्रुप की सेवा में रहे हैं और उनके मुंबई स्थित ब्रांच को तकनिकी निदेशक के तौर पर सम्भाल चुके हैं तो वहीँ अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया से इंजीनियरिंग की मास्टर्स डिग्री धारक हैं.
जहाँ अति वृद्ध भाजपा नेतृत्व यह मान के चल रहा है की ये दोनों युवा अब सत्ता के गलियारों में दिखेंगे तक नहीं वहीँ ये दोनों जमके वापस आगामी २०१९ के चुनावों के लिए ताल ठोकते नजर आ रहे हैं. हाल ही में योगी आदित्यनाथ के गढ़में घुसके दो सीटें जीते समाजवादी अखिलेश ने इसे भाजपा के घमंड की हार बताया तो अपने कार्यकर्त्ता सम्मलेन में बेहद शालीन तरीके से राहुल गाँधी सुझाव देते नजर आये की उनके कार्यकर्त्ता राजनितिक गुंडों को बिलकुल जवाब न देके बेहद मर्यादित रहें.
आने वाला चुनाव बेहद नए विचारों, तकनीकों और संघर्ष से भरा होगा. भाजपा के रणनीति बनाने वाले अब बेहद बड़ी बहस के लिए तैयार होने वाले होंगे.