कभी इमली की चटखार सी फ़ेस्बुक
ताजे ठन्डे पानी की फुहार सी फ़ेस्बुक
मिट्टी की सोन्धी महक सी फ़ेस्बुक
तो दादी की आँखो की झुर्री सी फ़ेस्बुक
नए चमकती चूड़ीयों सी खनकती फ़ेस्बुक
बच्चों के बचपने सी खिलखिलाती फ़ेस्बुक
टूटी चप्पल से रिश्तों को सँवारती फ़ेस्बुक
सुबह की बची कटोरा भर मैग्गी सी फ़ेस्बुक
बहन के नख़रे पे भाई की मनुहार सी फ़ेस्बुक
कभी बारिश से धुले पुराने पौधे सी फ़ेस्बुक
होम्वर्क पूरा होने की लम्बी साँस सी फ़ेस्बुक
दाल के तीखे छौंक की ख़ुशबू सी फ़ेस्बुक
थके पैर दबाके निकली आह सी फ़ेस्बुक
किसी पुराने को देख आती हँसी सी फ़ेस्बुक
नन्हें बच्चे की नींद की मुस्कान सी फ़ेस्बुक
दादी की गरम मुलायम हथेली सी फ़ेस्बुक
कभी अदरक की मीठी चाय सी फ़ेस्बुक
अनजान की आँखों की चमक सी फ़ेस्बुक
दोस्तों के समय से बदलते चेहरों सी फ़ेस्बुक
करारे गरम समोसे की ख़ुशबू सी फ़ेस्बुक
कभी इमरती की टपकती चाशनी सी फ़ेस्बुक
चने की महकती गरम कोण सी फ़ेस्बुक
बरसात की ठंडी पहली बयार सी फ़ेस्बुक
ग्लास में बची आख़िरी कुछ बूँदो सी फ़ेस्बुक
हथेली पे चंद मूँगफली की दानों सी फ़ेस्बुक
एयरपोर्ट पे पापा की आँखों की चमक सा फेसबुक
जो लोग दूर देशों में अपनों से दूर फेसबुक के सहारे जिंदगी बिता रहे हैं, उन सभी लोगों को समर्पित!