चौंक गए आप? जी हाँ कोई भी चौंक ही जायेगा ये पोस्ट पढ़ के. असल में मैं एक फेसबुक पेज की एडमिन हूँ जहाँ रोज़ ही लोगों की छोटी छोटी सामाजिक या पारिवारिक समस्याओं का निदान करती हूँ. यकीन मानिये कई समस्याएं ऐसी होती हैं की बहुत बुरा लगता है की पति अपनी पत्नी को जीवन रहते कई बातो के बारे मैं नहीं बताते हैं और अगर कभी कुछ अकल्पनीय हो जाता है तो ये सारी महिलाएं लालची रिश्तेदारों या फिर महालालची एजेंट लोग के शोषण का शिकार होती हैं.
एक जिम्मेदार पति की तरह अगर आपने अपनी पत्नी को वाकई परेशानियों में घिरे नहीं देखना चाहते तो आज ही ये पोस्ट पढ़के उन्हें जागृत कीजिये. उन्हें बताईये की कौन कौन से काम उनको समझने चाहिए और अपनी चेकलिस्ट में देखते रहना चाहिए. उनको इन सारी जिम्मेदारियों में भागीदार बनाइये और सचेत रखिये ताकि वो कभी भी जिंदगी में भ्रमित न हों. अकेले अपने दम पे खड़ी हो सकें. कभी भी कहीं भी.
१- बचत के फायदे – चाहें नौकरों की तनख्वाह हो या फिर रियायती पेट्रोल पम्प से ही पेट्रोल डलवाना. अपनी पत्नी को बताते रहे की एक एक पैसा कीमती हैं. घर का महीने भर का सामान लाना हो या फिर बिजली का सही और किफायती उपयोग करना हो, हर चीज़ में ये न कहें की खूब इस्तेमाल करो मैं हूँ न. महीने में बचत के नए नए उपाय बताएं. उनकी हर छोटी कोशिश की तारीफ भी करते रहे. फिक्स्ड डिपाजिट करनी हो या फिर sip करनी हो म्यूच्यूअल फंड्स में. अपनी पत्नी को बताएं की टॉप म्यूच्यूअल फंड्स में तीन साल में इन्वेस्ट करने के क्या फायदे हैं और पांच साल में क्या फायदे हैं. उनको प्रेरित करें की महीने की sip शुरू करें और अच्छे म्यूच्यूअल फंड्स में पैसे लगाएं.
२- शैक्षणिक सर्टिफिकेट, जमीन जायदाद और महीने के बिल्स के महत्व – अपने सारे महत्वपूर्ण कागजों को बेहद करीने से फ़ोल्डर्स में लगाके तालाबंद ड्रावर्स में रखें. हर महीने सरे कागज़ निकाल के अपनी पत्नी के साथ उनपे परामर्श करें. उनको बताएं की बिजली पानी के बिल कहाँ और कैसे जमा होते हैं, वेबसाइट्स द्वारा भी जमा किये जा सकते हैं. जमीन जायदाद में क्या क्या इन्वेस्टमेंट हैं, उनकी कीमत कैसे तय होती हैं, शैक्षणिक सर्टिफिकेट्स की फोटोकॉपी जरूर अलग से रखें और मूल प्रति किसी को भी न दें. हमेशा फोटोकॉपी ही दें.
३- मेडिकल हिस्ट्री – अपना खुद का, बच्चों का और पत्नी का नियमित रूप से सम्पूर्ण मेडिकल जांच करवातें रहे और सारी रिपोर्ट्स के बारे में पत्नी को भी सब कुछ बताते रहे. एक अच्छे हॉस्पिटल में बढ़िया डॉक्टर्स से जान पहचान रखें और ज्यादा डॉक्टर्स पे चक्कर लगा के परिवार जनो को कभी भी भ्रमित न करें. आपकी पत्नी को हर उस चीज़ के बारे में बताएं जिससे आपको एलर्जी हैं.
४- रिश्तेदारों और मित्रों के बारे में – कम से कम दो ऐसे रिश्तेदारों के लगातार संपर्क में रहे जो आपके भले के बारे में सोचते हों. अपनी जीवन साथी को हर वो बात बताएं जोकि जरुरी हो. कई बार कोई छोटी सी बात भी आगे जेक बड़ा रूप ले सकती हैं. जिस रिश्तेदार की कोई महिला संबंधी उल जलूल हरकत हो या फिर चोरी की आदत, ये चीज़ें हो सकता हैं की बाद में भी आदत में हों. इन चीज़ों को इग्नोर न करें. ध्यान में रखें. और जांच करते रहे की ऐसे लोगों से दूरी ही बना के रखें चाहें वो कटना भी मीठा व्यव्हार न करें. ऐसे लोग अक्सर काफी हंसोड़ होने का दिखावा करते हैं.
५- नियमति आय और घरेलु खर्चों की महत्वता – आपकी कितनी इनकम हैं और कितना खर्च होता हैं इसे रोज़ या फिर हर दूसरे दिन लिखते रहे. अपनी पत्नी को बताएं की कम खर्चे में भी घर कैसे चलाया जा सकता हैं. उनको बताएं की अगर बैंक अकाउंट में ६० लाख से ज्यादा रुपए हैं, जेवर हैं और खुद का घर भी हैं तो किसी भी स्थिति में एक या दो बच्चों के साथ आराम से मध्यमवर्गीय परिवार चल सकता हैं. बशर्ते की बहुत ज्यादा ऊपर के खर्चे न किये जाएँ. कितना ब्याज मिलेगा और किस तरह से ज्यादातर काम खुद करके पैसा बचाया जा सकता हैं.
६- घरेलु चीज़ों की देखभाल और मरम्मत – जितना भी काम आपको आता उन्हें सिखाईये. कई बार गलत किस्म के लोग इन्ही बातो का फायदा उठा ले जाते हैं. गाड़ी चलाना हो, स्टेपनी बदल देना हो या फिर प्रेस ठीक करना हो या फिर बल्ब चेंज करना हो. फ्यूज चेंज करना हो या फिर बंद नाली खोलना हो, किसी मैकेनिक या प्लम्बर को बुलाने से पहले खुद करना सिखवायें.
७- एक्स्ट्रा इनकम के उपाय – ये सारी बातें में उन मध्यमवर्गीय महिलाओं को ध्यान में रख के बता रही हूँ जोकि नौकरी नहीं करती और न ही कोई प्रोफेशनल डिग्री होल्डर होती हैं की आराम से नौकरी कर लें. तो हमेशा ये बात ध्यान में रखें की अपनी पत्नी को कोई छोटा मोटा काम जरूर करते रहने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे वो कुछ आमदनी करती रहे. उनको कहें की वो अपना पैसा बैंक में जमा करें खरचें नहीं. ये बहुत छोटी सी पर जरुरी बात हैं जोकि कभी कभी बहुत ज्यादा काम आती हैं.
८- कपडों पे और सजावट पे कम खर्च – ये दो बहुत फालतू चीज़ें हैं जिनसे कभी भी मन नहीं भरता हैं और महीने की कमाई का सबसे ज्यादा पैसा खा जाती हैं. इन चीज़ों को शुरू से ही कण्ट्रोल में रखने की आदत डालें. पर जब भी जरुरी हो तो ही लें. दूसरों से होड़ के चक्कर में अपना धन वेस्ट न करें. घर में दो डिनर सेट से काम चलता हो तो ५-६ डिनर सेट रखने की क्या तुक हैं? ज्यादा मेहमान न आते हों तो ज्यादा क्राकरी भी न खरीदें. ये सारे निर्णय आपस में मिल बैठ के ही लें और सबकी पसंद का भी ध्यान रखें.
९ – फालतू सामान और फालतू मेहमानों से छुटकारा – कभी भी घर में फालतू सामान इकठ्ठा न होने दें. अपनी पत्नी को बताएं की लंबी अवधि के लिए आने वाले फालतू मेहमानों से बचें और उनको किसी भी तरह का बढ़ावा न दें. थोड़ी सी प्रशंसा के लिए ढेर सारी जिम्मेदारियां और पैसा खर्च करना महा बेवकूफी होती है. इसी तरह फ़ालतू सामान घर में इकठ्ठा न होने दें. अखबार, कपडे, जूते आदि हो सब नियमित रूप से बाहर निकलने की आदत डालें.
१०- किसी पे भी भरोसा न करें – किसी भी आकस्मिक स्थिति में वो खुद पे भरोसा रखें क्योंकि ऐसी स्थिति में प्राकृतिक रूप से हर व्यक्ति ज्यादा सोचने लगता है. अपने जीवन साथी को समय समय पे भरोसा दें की वो काबिल हैं और अपनी देखभाल खुद कर सकती हैं. उनको किसी भी सादे कागज़ पे हस्ताक्षर करने से मना कर दें. किसी को भी ज्यादा पास न आने दें. न ही किसी को आपने बैंक, जमीन जायदाद या जेवर की जानकारी दें. उनको बताएं की रिश्तेदारो से संभल के और काफी कम बात करें.कई बार अगर ऐसी बातें करने में दिल दुखे तो किसी और की कहानी बनाके उनको बताएं की ऐसी स्थिति में क्या करना नुकसानदायक होता है. किसी भी तरह का प्रेशर लेके काम न करें.
कई बार हम वो बातें जनता को कहते हैं जो खुद पे गुजरी होती है. हो सकता है की जब हमपे गुजरी हो तो हमको कई बातें न पता हो पर जब तक अक्कल आयी तो काफी समय गुजर चुका होता है और पछताने के आलावा कुछ नहीं बचता है.