Naam Shabana – Bitter but honest review(Hindi post) 


आप जब पिक्चर हाल सेनाम शबानादेख कर बाहर निकलेंगे तो आपको सिर्फ तापसी पन्नू की आंखें, नाक,होंठ,हाथों की अंगुलियां एंड दुबलापन याद रहेगा. आपको उनका दर्द याद रहेगा, उनकी माँ का प्यार याद रहेगा. बूढ़े होते अक्षय कुमार(उनकी तोंद दिखती है एक पल को), बेहद दुबले हो गए (पता नहीं क्यों) मनोज वाजपेयी, भद्दे से (पता नहीं क्यों वो आये इतने अजीब रोल के लिए)अनुपम खेर वगैरह बहुत याद करने पर ही याद आएंगे

ये पूरी फिल्म हर पल चमत्कृत करती तापसी पन्नू की है और बेहद सपाट चेहरे वाले खलनायक पृथ्वीराज की भी है. वो दक्षिण की फिल्मो में बेहद मंजे हुए कलाकार माने जाते हैं परन्तु कुछ ही दृश्यों में वो हेंडसम भर लगे हैं क्यों खलनायकों वाली क्रूरता उनको करनी आती है और नाही उनसे निर्देशक करवा पाए हैं

आपको उनके कई दृश्योंके बाद याद आएगा की अरे ये तो वोही हीरो है तो बेहद थुलथुल रानी मुख़र्जी के साथअईय्यामूवी में दिखे थे. अक्षय कुमार वगैरह सिर्फ सात आठ मिनट की मेहमान भूमिका में ही हैं

नाम शबाना एक मध्यम वर्गीय लड़की की कहानी है जिसमे हाथों परिस्थितिओंवश एक हादसा हो जाता है और फिर उसी तरह का एक और हादसा हो जाता है. वो हर मोड़ पर आपको अपनी खूबसूरती, मासूम चेहरे और बेमिसाल अभिनय से मोह लेती हैं. बहुत ही सधी हुयी आँखों से वो बेजोड़ अभिनय कर गयीं हैं.

एक्शन, तेज मारधाड़ और कसी हुयी फोटोग्राफी बहुत असरदार है और आपको एक पल को भी बोर नहीं होने देती. हेलीकाप्टर से की गयी खलनायक और जासूसी टीम की शूटिंग बहुत शानदार है और आपको निर्देशक कुआलालम्पुर के शानदार नज़ारे भी दिखाते हैं. फिल्म शुरू से ही आपको अपने लेंस की पकड़ में बाँध लेती है और आप ठगे हुए से तापसी पन्नू के अगले कदम का इंतज़ार करते हैं और वोआपको निराश भी नहीं करतीं. एक सीन में वो एक टूटी हुयी घडी पकड़े हुए रोती हैं और आप बहुत बेबस महसूस करेंगे उस लम्बी खूबसूरत दुबली लड़की के लिए. यही इस अभिनेत्री की कमाल की बात है की वो अपने बेहतरीन अभिनय से आपके दिल में बस सी जाती हैं .

ये फिल्म उनको ऋचा चड्ढा जैसी नयी और बेहतरीन अभिनेत्रिओं के समक्ष ला खड़ा कर देती है. नाम शबाना पैसा वसूल फिल्म है. जरूर देखें. लड़किओं को ये मूवी ख़ास कर देखनी चाहिए

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