क़िस्सा फ़्राइड राइस का।

क़िस्सा फ़्राइड राईस का-
स्वरचित – प्राची वार्षण्य
(मेरी ख़ुद की वेबसाईट prachiable.com पर प्रकाशित है)
मनीषा जी फ्रिज के सामने खड़ी बड़ी टेंशन में थीं। पोती पलक स्कूल जाने के लिए अभी अभी सो कर उठी थी। नहाने गई तो उनको उठा दिया था। उसको आज स्कूल में स्टेबैक भी है तो कुछ हेवी और फिलिंग बनाकर देना था। बहू बेटा तो ऑफिस चले गये थे सुबह ही छह बजे। नोएडा से गुड़गाँव जाना वो भी सोमवार के दिन। कोई महायुद्ध से कम भी नहीं था।
मनीषाजी को फ्रिज की दूसरी शेल्फ पर एक डिब्बी में उबले हुए चावल दिखे। ये तो उनका बेटा अमित ऑफिस में मिलने वाली खाने की ट्रे से उठा के ले आया करता था कभी कभी। उनकी आँखें चमक उठी। उन्होंने फटाफट वो डिब्बी निकाली। जल्दी से एक बड़ी गाजर घिस कर थोड़ी सी बन्दगोभी चॉप की। अदरक लहसुन ग्रेट करके उसमे एक बड़ा प्याज़ भी लंबा लंबा काट कर मिला दिया। साथ में दो हरी मिर्चें और जरा सा हरा धनिया भी कतर लिया। फटाफट हाई फ़्लेम पर एक नोन स्टिक पैन में देसी घी डाल के पहले उसमे जीरा हींग का तड़का डाला फिर लहसुन हरी मिर्च हरा धनिया अदरक भूना और उसमे प्याज़ मिला के जल्दी से फ्राई करके सारी सब्ज़ियाँ भून लीं।
अब पालक ने बाथरूम से चिल्लाया दादी छींके आ रही हैं आप क्या कर रही हो? मनीषा जी मुस्कुरा के चुप ही रहीं, अभी तो लाल मिर्च भी पड़ेगी। फिर ये और ज़ोर से चिल्लायेगी। सोचते हुए उन्होंने तीस सेकंड के लिए उबले चावल की डिब्बी माइक्रोवेव में रखी और फिर उबले चावल पैन में भुनती हुई सब्ज़ियों में मिला दीं। जरा सा व्हाइट विनेगर डाल के सब अच्छे से फ़्राई किया। और गैस बंद कर दी।
बड़े वाले लंच बॉक्स में १ केला चार पाँच बिस्कुट दो टॉफ़ी और फ़्राइड राइस रख कर पैक किए, साथ में दो जूस के टेट्रा पैक और पानी की बोतल रख दी। अब भी पैन में आधे फ़्राइड राइस रखे थे। उन्होंने फटाफट अपने लिए वीके प्लेट में निकाल कर एक ग्लास में फेंटा डाली और नाश्ता करने लगीं।
पालक ने आकर सब कुछ अपने स्कूल बैग में रखा और बोली “वाह दादी जरा से चावल इतने सारे बन गये”? तो मनीषा जी हंस कर बोलीं “तेरे लंचबॉक्स में भी यही दिये हैं”! पलक बोली “दादी आपके हाथ के खाने के तो मेरे टीचर्स भी दीवाने हैं”। मनीषा जी को बहुत अच्छा लगा। बोलीं “मेरे बैंक के कॉलीग्स तो खूब खाते थे और बाद में कहते थे कि आप बहुत ही स्पाइसी ख़ाना हो मिसिज मित्तल”। पलक ने मुस्कुरा के कहा “आपने ना मम्मी को बिगाड़ के रखा है दादी, बल्कि आप दोनों ने एक दूसरे को बिगाड़ रखा है”। मनीषा जी ने साफ़ी मिक्स्ड पानी का ग्लास पालक की तरफ़ सरकाया और हंस दीं ” हम है चटोरे दोनों सास बहू इसीलिए सारा दिन बर्गर पिज़्ज़ा चाट के प्लान बनाते हैं और तुम और तुम्हारा पापा जाओ जिम और खाओ उबले खाने और सेलेड”। “चलती हूँ दादी और हाँ आपके चटोरेपने में भाई को भी शामिल करो जो सारा दिन आपके बनाये मठरी अचार और लड्डू बर्फ़ियों का भोग लगाता है”। मनीषा जी उठकर दरवाज़ा बंद करते हुए बोलीं “याद रखना कल तेरे स्कूल बस ड्राइवर के लिए भी दूँगी एक डिब्बे में”। पलक सीढ़ियाँ उतरते हुए हंसी”सबको खाऊ बना रखा है आपने दादी, चलो आप दरवाज़ा लगा लो, बाय बाय”। मनीषा जी भी मुस्कुराते हुए वापस हो लीं।

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