अभी कुछ दिनों पहले मेरे सीधे हाथ में टूटी हुयी प्लेट का कांच लगने की वजह से गहरी चोट आ गयी और रसोई का काफी सारा काम मेरी बेटी चुलबुली ने ही निबटाया. उसको मैं बचपन से ही रसोई की संभाल करवाती रही और जाने अनजाने पता ही नहीं चला की एक दिन वो ही अकेली सारी रसोई संभाल लेगी.
बच्चों को रसोई की साज संभाल और खाना बनाने की निपुणता आनी चाहिए क्योंकि ये उनको खुद में भरोसा करना सिखाता है. उनको पता होता है की अगर कभी भी जरुरत हुयी तो वो कुछ भी बनाके खा पी सकते हैं.
१- रसोई की सफाई – हफ्ते भर की सफाई में बच्चों से मदद लें.उनको पता चलेगा की रसोई में क्या चीज़ कहाँ रखी है. फ्रिज़ साफ़ करवाएं, अलमारियों का सामान बाहर निकाल के नए कागज़ बिछवाके या फिर शेल्फ साफ़ करवा के सामान वापस लगवाएं. उनको हर चीज़ की जानकारी हो जाएगी और अगर आप कुछ भूल रही हैं तो उनको पता रहेगा की क्या चीज़ कहाँ रखी है.
२- सब्ज़ी, पास्ता, अंडे और मीट आदि उबालना – हर चीज़ को एक ही तरीके से नहीं उबाल सकते हैं. कुछ चीज़ों में उबालते वक़्त तेल और नमक डालना होता है. आलू एक प्लास्टिक की थैली में कुछ चम्मच पानी डालके बंद करके माइक्रोवेव में कुछ ही मिनटों में उबाले जा सकते हैं. राजमा चने आदि उबालते हुए घिसा हुआ अदरक और लहसुन आदि डालके स्वाद बढ़ाते हैं. पास्ता उबालते वक़्त तेल और नमक डाला जाता है या फिर सब्ज़ी उबालने से पहले अच्छे से धोना होता है, बहुत ही छोटी पर महत्वपूर्ण बातें हैं जोकि बच्चों को पता होनी चाहिए. मुझको चाय पीने की बिलकुल आदत नहीं है पर बचपन में मैंने अपनी छोटी ताईजी को चाय बनाते देखा तो ये सीख लिया की पहले पानी और दूध को उबालो फिर अदरक घिस के डालके उबालो तो चाय बहुत अच्छी बनती है. मेरे हाथ की चाय इसीलिए अच्छी बनती है.
३- मसालों की जानकारी और उपयोग – बच्चों को मसालों के बारे में बताएं और ये भी की वो कितनी मात्रा में इस्तेमाल किये जाते हैं. इसके बारे में उनको गहन जानकारी दें की कौन सी सब्ज़ी में जीरा डालते हैं और कौन सी सब्ज़ी में अजवाइन. हल्दी, लालमिर्च और सूखा धनिया का पाउडर जरा से पानी में मिलाके कोई भी सब्ज़ी तुरंत बन सकती है जरूर बताएं. लौंग, हरी इलाइची और केसर के खुशबूदार उपयोग से कैसे साधारण पनीर की सब्ज़ी को बढ़िया बनाते हैं उनको पता होना चाहिए.
४- सब्ज़ी व् सलाद काटना – बड़ी सावधानी से चाकू पकड़ना और सब्ज़ी – सलाद काटना बच्चों को जरूर सिखाएं. जरा सी गाजर या खीर घिस के कैसे स्वादिष्ट व् कुरकुरा रायता बना सकते हैं चुटकियों में या फिर ये की पतले छिलके वाले आलू को अच्छे से धोके इस्तेमाल कर सकते हैं बिना छीले. धनिया पुदीने की पत्तियां धोके व् तोड़के ही चटनी बनानी चाहिए. सब्ज़ी काटना सीखना भी एक कला है. विदेशों में जैसे की थाईलैंड आदि में तो इसके स्पेशल कोर्स होते हैं. पर छोटे बच्चों को बेसिक चीजे सिखा दें.
५- भूनना, सेंकना, तलना और बेकिंग करना – हर चीज़ में काफी फर्क होता है. बच्चे जब जान जाते हैं की किस चीज़ को बनाने में कितना समय लगता है तो उनके खुद के खाने पीने के नखरे कम होते हैं और वो आपकी बनायीं चीज़ को भी ज्यादा स्वाद लेके खाते हैं की मम्मी ने मेहनत से बनायीं है.बेकिंग के तापमान हो, कोई भी चीज़ ग्रिल में भूनना हो और उसको बाद में सफाई करना हो, तेल में तलने के तरीके हों, फुल्का सेंकना हो या फिर परांठे बनाना हो जब भी बच्चों को जानकारी देना शुरू करते हैं तो यही बात समझ आती है एक पूरा किचन विज्ञानं है जोकि हम अपने बच्चों के साथ साझा कर रहे हैं.
६- खाना बनाने का सामान जमा करना, कीमत बताना और सहेज के रखना – खाना बनाना सीखने के साथ बच्चों को कई और जरुरी बातें सिखाईये. जैसे की ताज़ी सब्ज़ियां व् फल उचित दाम पे ही खरीदना, उनको धोकर फ्रिज़ में रखना या फिर उचित जगह पे रखना. आप इन चीज़ों को सिखाने के लिए pinterest की स्लाइड्स का भी सहारा ले सकती हैं.जिससे की बच्चों को पता चले की ज्यादा मात्रा में सामान खरीदने पे वो चीज़ें सड़ सकती हैं और पैसे भी बर्बाद होते हैं. दालें, मसाले, आटा, चावल,स्नेक्स, घी-तेल, दूध-मक्खन, मीट,मछली या अंडे हों. बच्चों को समय समय पे इनके दामों के बारे में और क़्वालिटी के बारे में जानकारी देती रहे. उनको बताएं की अगर लंबे समय के लिए कहीं जाना हो तो काफी पहले से कम सामान खरीद के रसोई में लाना चाहिए ताकि फेंकना न पड़े. मेरे पड़ोस में रहने वाली नव विवाहिता को मैंने खुद एक फ्रिज भरके सामान फेंकते और पति से डांट खाते देखा है. जरा जरा सी बातें जिंदगी भर बच्चों के दिमाग में बस जाती हैं. अच्छा है की समय पे उनको पता चल जाये की क्या सही होता है और क्या गलत.
७- रसोई के उपकरण इस्तेमाल करना – डिश वॉशर हो, मिक्सी हो, टोस्टर हो या फिर नॉन स्टिक बर्तन. आजकल हर चीज़ के बारे में सत्तर तरह के रिसर्च इन्टरनेट पे प्रकाशित होते हैं. बच्चो को हर चीज़ के इस्तेमाल के तरीके बताएं. हाथ से काम करना भी सिखाएं. कई बार बच्चों को अकेले काम करना पड़ता है तो वो घबराते नहीं हैं अगर उनको काम आता होता है.मिक्सी में खीरे का रायता बना सकते हैं, टोस्ट बनवाइए, उपमा या हलवे के लिए सूजी भून कर आपकी मदद कर सकते हैं. मिक्सी में नीचे एक पावर कट बटन होता है उसके बारे में बताइए. नॉन स्टिक बर्तनों की देखभाल हो या फिर ब्लीच से कांच के गिलास धोके चमकाना हो या फिर चाँदी के बर्तनों को टूथ पावडर से साफ़ करना हो सबकी जानकारी देती रहिये.
८- बचे हुए भोजन का इस्तेमाल – आपको पता है की अगर आप बचे हुए भोजन को सहेजना अपने बच्चों को सिखाएंगी तो सबसे ज्यादा फायदा आपके बेटे को होगा. क्योंकि ज्यादातर समय लड़के ही घर से दूर जाकर नोकरी करते हैं और खाने से संबधी परेशानी झेलते हैं. बचे हुए रोटी के आटे को हल्का तेल का हाथ लगाके एयर टाइट बॉक्स में रखके फ्रिज़ में रखना हो या फिर परांठो को दोबारा गरम करना हो, राजमा चने कैसे फ्रीज़र में रख के बाद में इस्तेमाल कर सकते हैं और बची हुयी मिठाईओं को भी अच्छे से संभाल के रखना उनको समझाएं. इससे दो बातें जरूर होयेंगी. एक तो वो कुछ भी फेंकने से पहले सोचेंगे और दूसरा बचे हुए खाने को फ्रिज़ तक जरूर पहुंचा देंगे.
९- अचानक जलने से सावधानी के उपाय- बच्चों को ये बताने का हमेशा याद रखें की तुतंत नमक का घोल लगाएं, बर्न स्प्रे लगाएं, टूथपेस्ट लगा सकते हैं या फिर हमेशा फ्रिज में बेसन या फिर सूजी की थैली रखें और अगर कभी गलती से जल जाये तो तुरन्त उसी थैली में हाथ डाल दें ताकि फफोले न पड़े. गैस सिलिंडर से खेल न करें और न ही माइक्रोवेव से छेड़छाड़ करें. और उनको ये भी समझाएं की कोल्ड ड्रिंक्स के साथ किसी भी तरह के एक्सपेरिमेंट न करें.
१०- क्रोकरी और खाना परोसना – डोंगे में सब्ज़ी पलट के उसके किनारे किसी टिश्यू या मलायम कपडे से पोंछ देने चाहिए, मेहमान को गीले ग्लास में पानी नहीं देना चाहिए, चाय चाहते वक़्त अगर कप के बाहर लग जाये तो उसे पोंछ देना चाहिए, प्लेट में छोटा चम्मच हो और सब्ज़ी के डोंगे में बड़ा सर्विंग स्पून हो, पानी देते वक़्त गिलास में २० % जगह खाली छोड़ देनी चाहिए ताकि वो पीते वक़्त गिरे न, घर में कितनी क्राकरी है और उसको कब कब इस्तेमाल करते हैं, सबकुछ जानकारी दें. क्योंकि कई बार घर में ज्यादा मेहमानों का आना जाना नहीं होता तो बच्चे कई बातें जान भी नहीं पाते हैं. इसीलिए उनको बताएं की किस तरह अचानक मवहमां के आने पे उनको कौन सी क्रोकरी इस्तेमाल करनी है. मैंने एक घर में देखा की मम्मी बाथरूम में थी परंतु छोटे से बच्चे ने टिश्यू में लपेट के गिलास में कोल्ड ड्रिंक मुझको दी और माइक्रोवेव में पॉपकॉर्न बनाके भी मुझको खिला दिए.
सच में आपको भी बहुत अच्छा लगेगा की बच्चे कई बार जाने अनजाने आपकी मदद कर देंगे क्योंकि उनको रसोई की साज संभाल की ट्रेनिंग मिल चुकी है आपसे. हम अपने बच्चों को अगर खुद नहीं सिखाएंगे तो फिर वो सीखेंगे कैसे और किससे?
आज से ही अपने बच्चों को थोड़ा थोड़ा रसोई का काम सिखाना शुरू करें ताकि बड़े होके वो रसोई के काम से बिलकुल परेशान न हों.
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Very Nice Thought , maine kabhi socha bhi nahi tha ki aisa karne se bhi baccho mei kuch aur accha ho sakta hai . Yhanks